:امام صادق علیه السلام
أَيُّمَا عَبْدٍ أَقْبَلَ قِبَلَ مَا يُحِبُّ اللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ أَقْبَلَ اللَّهُ قِبَلَ مَا يُحِبُّ؛
[اصول کافی، ج2، ص65 ]
इमाम सादिक (अ.स.):
वह बन्दा जो उस चीज़ की ओर मुड़ता है जिसे अल्लाह तआला पसंद करता हो, तो अल्लाह भी उसी चीज़ की ओर रुख करता है जिसे वह पसंद करता हो।
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